लाभ ना कमाने वाली संस्थाओं की मुख्य विशेषताएं

Md Aamir Husain
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1.1.2    लाभ ना कमाने वाली संस्थाओं की मुख्य विशेषताएं (main features or characteristics of not for profit organisations)








लाभ न कमाने वाली संस्थाओं की  मुख्य 8 विशेषताएं हैं


( 1 ) अलाभकारी संस्थाओं की स्थापना समाज तथा अपने सदस्यों के कल्याण तथा सेवा के लिए की जाती है|


( 2 ) यह संस्थाएं कला, संस्कृति, धर्म, शिक्षा, खेल कूद के प्रचार प्रसार तथा प्रोत्साहन के लिए कार्य करती है|


( 3 ) इनका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं बल्कि सेवा प्रदान करना होता है|


( 4 ) इनकी स्थापना धर्मार्थ सोसाइटी, प्रन्यास ट्रस्ट या संघ क्लब के रूप में की जाती है|


( 5 ) इन संगठनों के कोष के प्रमुख स्रोत हैं_ चंदा, दान, तथा सरकारी अनुदान /सहायता |


( 6 ) इन संगठनों का प्रबंधन प्रबंध समिति या कार्यकारी समिति के द्वारा होता है जिन का गठन सदस्यों के द्वारा किया जाता है|


( 7 )  इन संस्थाओं द्वारा प्राप्ति एवं भुगतान खाता, आय व्यय खाता, तथा चिट्ठा स्थिति विवरण तैयार किया जाता है|


( 8 ) इन संस्थाओं के अधिशेष आय की व्यय  पर अधिकता अर्थात सरप्लस को सदस्यों में वितरित नहीं किया जाता है बल्कि इसे संस्था के पूंजी कोष में जोड़ा जाता है|


1.2  लाभ न कमाने वाली या गैर-लाभकारी संस्थाओं का लेखांकन अभिलेख ( Accounting Records of not for profit organisations)


गैर व्यापारिक संस्थाएं एवं पेशेवर व्यक्ति अपना हिसाब किताब द्वि प्रविष्टि प्रणाली (double entry system) के आधार पर ही रखती है किंतु व्यापारिक संस्थाओं की तुलना में इनकी लेखांकन पद्धति में भिन्नता होती है l क्योंकि इन संस्थाओं का उद्देश्य व्यापारिक संस्थाओं की भांति लाभ अर्जन करना नहीं होता है, यह अपना हिसाब किताब रोकर पद्धति( cash system) के आधार पर रखती है, ना कि वाणिज्यिक पद्धति ( Mercantile system  पर|


रोकड़ पद्धति के अंतर्गत रोकर पुस्तक ही महत्वपूर्ण लेखा पुस्तक होती है| इसलिए सामान्यत यह संस्थान एक रोकर पुस्तक रखते हैं जिसमें सभी प्राप्ति और भुगतान को अभिलेखित  किया जाता है किंतु विभिन्न अलाभकारी संस्थाएं तथा व्यक्ति अपनी आवश्यकता अनुसार निम्न पुस्तकें रखती है

(1) रोकर बही ( cash book )  इसमें सभी नकद लेन देनों अर्थात नकद प्राप्तयों व नकद भुगतानो का लेखा किया जाता है|


(2) स्मरण पुस्तिका ( Memorandum book) इसमें उधार प्रकृति वाले लेन देन का लेखा किया जाता है|


(3)   स्टॉक रजिस्टर ( stock register ) सभी मूर्त संपत्तियां तथा उपजन्य वस्तुओं जैसे, लेखन सामग्री, दवाइयां आदि का लेखा किया जाता है|


(4) वेतन एवं मजदूरी रजिस्टर (salary and wages register ) इस में वेतन एवं मजदूरी का लेखा किया जाता है|


(5) सदस्य रजिस्टर (members register )इसमें सदस्यों का पूरा विवरण रहता है, साथ ही इसमें प्राप्त चंदा, बकाया चंदा, अग्रिम चंदा का उल्लेख रहता है|


(6) अन्य पुस्तकें या पंजिया (other register )चंदा रजिस्टर, दाता रजिस्टर, शुल्क रजिस्टर आदि|


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